Hindi kahaniya | चालाक खरगोश और शिकारी भालू

 



एक घने जंगल में एक चालाक खरगोश और एक बड़ा, ताकतवर भालू रहते थे। भालू अपनी ताकत के कारण जंगल के छोटे जानवरों को डराकर उनका खाना छीन लेता था। सभी जानवर उससे परेशान रहते थे, लेकिन उसकी ताकत के आगे कोई कुछ नहीं कर सकता था।

एक दिन भालू ने खरगोश के खेत में लगे गाजर और मूली देखकर उसे छीनने की योजना बनाई। उसने खरगोश से कहा, "अब से ये खेत मेरा है। मैं जब चाहूंगा, यहां से गाजर और मूली लूंगा।" खरगोश जानता था कि भालू से सीधे भिड़ना संभव नहीं है, इसलिए उसने अपनी चालाकी से उसे सबक सिखाने की सोची।

खरगोश ने भालू से कहा, "ठीक है भालू भाई, खेत तुम्हारा हो सकता है, लेकिन इसमें उगने वाली फसल हमें बांटनी होगी। एक बार मैं ऊपरी हिस्सा लूंगा और तुम निचला हिस्सा, और दूसरी बार तुम ऊपरी हिस्सा लोगे और मैं निचला।" भालू ने सोचा यह सौदा उसके लिए फायदेमंद है और उसने खुशी-खुशी हामी भर दी।

खरगोश ने पहली बार गाजर और मूली बोई, जिनके निचले हिस्से खाए जाते हैं। जब फसल तैयार हुई, तो खरगोश ने निचला हिस्सा लिया और भालू को सिर्फ पत्तियां दीं। भालू को यह देखकर बहुत गुस्सा आया, लेकिन उसने अगले बार ऊपरी हिस्सा लेने का फैसला किया।

इस बार खरगोश ने गेहूं बोया, जिनका ऊपरी हिस्सा खाया जाता है। फसल तैयार होने पर भालू के हिस्से में सिर्फ जड़ें आईं। वह ठगा हुआ महसूस करने लगा, लेकिन तब तक उसकी समझ में आ गया था कि चालाकी और दिमाग ताकत से ज्यादा काम आता है।

भालू ने अपनी गलती मानी और खरगोश से माफी मांगी। उसने वादा किया कि वह अब से किसी को परेशान नहीं करेगा। इस तरह, खरगोश की चतुराई ने न केवल उसका खेत बचाया, बल्कि पूरे जंगल को भालू के आतंक से मुक्त कर दिया।

शिक्षा: ताकत से ज्यादा जरूरी बुद्धिमानी और चतुराई होती है।


kahaniya
hindi kahaniya
kahani
baccho ki kahaniya
hindi kahaniya moral stories
kahaniyan kahaniyan
kahaniyan in hindi
kahaniyan acchi acchi
kahani achcha
majedar kahaniyah,hindi kahaniya story, moral kahaniya in hindi, kahani acchi wali

Post a Comment

0 Comments